भरी दुपहरी में अधियारा सूरज परछाई से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें - बुझी हुई बाती सुलगाएं आओ फिर से दिया जलाएं हम पड़ाव को समझे मंजिल लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल वर्तमान के मोहजाल में- आने वाला कल न भुलाएं आओ फिर से दिया जलाएं आहुति बाकी यज्ञ अधूरा अपनों के विघ्नों ने घेरा अंतिम जय का वज्र बनाने - नव दधीची हड्डियां गलाएं आओ फिर से दिया जलाएं - अटल बिहारी वाजपेयी ( भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। अटल जी सफल राजनीतिज्ञ के साथ साथ एक कवि भी हैं। "मेरी इक्यावन कविताएँ" उनका प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है।)
भरी दुपहरी में अधियारा
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें -
बुझी हुई बाती सुलगाएं
आओ फिर से दिया जलाएं
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज्र बनाने -
नव दधीची हड्डियां गलाएं
आओ फिर से दिया जलाएं
सूरज परछाई से हारा
अंतरतम का नेह निचोड़ें -
बुझी हुई बाती सुलगाएं
आओ फिर से दिया जलाएं
हम पड़ाव को समझे मंजिल
लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल
वर्तमान के मोहजाल में-
आने वाला कल न भुलाएं
आओ फिर से दिया जलाएं
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा
अपनों के विघ्नों ने घेरा
अंतिम जय का वज्र बनाने -
नव दधीची हड्डियां गलाएं
आओ फिर से दिया जलाएं
- अटल बिहारी वाजपेयी
( भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, सन् 1924 ई. को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। अटल जी सफल राजनीतिज्ञ के साथ साथ एक कवि भी हैं। "मेरी इक्यावन कविताएँ" उनका प्रसिद्ध काव्यसंग्रह है।)
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